6/29/2015

अतीत के पन्ने

कोई नहीं पढ़ता...
हाँ मैं भी नहीं  पढ़ती
बार - बार
खुद की लिखी
रचनाओं को
अतीत के उन पन्नों को
याद दिलाती है वो
फिर वही पल,
 फिर वही लम्हे
फिर गुजरती हूँ मै
उन्हीं भावनाओं से
बार - बार वहीं जाना
अब नहीं भाता मुझे
भूल जाना चाहती हूँ
अतीत के उन पन्नों को
जिन से गुजरते हुए
भावनाओं में बह कर
अपनी आकांक्षाओं को
उतारा था शब्दों में
मायने जिनके बदल गए...
यूँ भी पलट कर देखना
कोई समझदारी तो नहीं
हाँ...
भूल जाना ही  बेहतर होगा
हाँ....
भूल ही जाना चाहती हूँ मैं
अतीत के उन पन्नों को... !!

..... वैशाली......
29/6/2015
9.20am 

6/12/2015

बस यूँही रहा करो ....

बस यूँही  रहा करो

कुछ तुम कहा करो
 कुछ हमसे सुना करो !

 सुबह का पहला पैगाम
                 भेजा करो
हमारा आदाब भी
          स्वीकार करो !

प्यार करो इकरार करो
मुस्कराहट से वार करो  !

बीमार किया है जो
           इस दिल को
उसका तुम इलाज़ करो  !

हाथों में हाथ लिया करो
साथ हमारा दिया करो  !

नहीं कहती वादे किया करो
किए वादो को तो पूरा करो  !

काम करो ,थोड़ा आराम भी करो
सेहत का भी ध्यान धरा करो  !

सपनों  में तो आते ही हो
कभी यूँही मिलने आया करो  !

लबों  से लब मिल जाने दो
हमें  बाँहों में भरा करो  !

कुछ और नहीं चाहते तुमसे
बस प्यार करो और प्यार करो  !

सिर्फ और सिर्फ मुझसे
इकरार करो और प्यार करो !!

ओ मेरे सनम.……

बस यूँही  रहा करो
 बस मुझे ही प्यार करो  !!

……… वैशाली ..........

12/06/2015
12.30 noon

अंतिम श्वास...

कैसे करूँ ऐतबार सनम
हर कसमें तूने तोडी़
हर वादे से मुहँ मोडे
कितना मुझे है तूने सताया
हर दिन हर पल इंतजार कराया
तू ही बता अब मैं क्या करूं?
इंतजार की घडि़याँ बंद कर दूँ?
कैसे कटी रातें तूने न जाना
दिन का चैन खोया तूने न माना
देखना कहीं देर न हो जाए
प्यार से एतबार न उठ जाए
उठ न जाए कहीं वादों से विश्वास
इंतजार में न निकल जाए
              मेरी अंतिम श्वास...
11/5/2015
8.30 am 

6/11/2015

तुम जीते मैं हार गई

अचानक हम यूँ टकराये
तुमने दिल के हाल बताये
मुझमें खोया प्यार जगाया
दिल से दिल हमने मिलाया !!

चढ़ने लगी फिर ख़ुमारी
दीवानगी ने हदें पारी
सपने आने लगे तुम्हारे
दिन-रात हमने तुमपर वारे !!

इश्क़ का रोग लगा बैठे
दिल की बात कहें कैसे
दिन दिन न रहा रात रात न रही
नयी दुनिया हो बसाई जैसे !!

तुम्हारे थे अलग मंसूबे
लागे मुझको जैसे अजूबे
पूरी न हुई चाहत तुम्हारी
उतरने लगी तुम्हारी खुमारी !!

जो तुमने चाहा,तुमको मिला
पहले प्यार फिर हो गए जुदा
चाहत हमारी रह गयी अधूरी
तमन्ना तुम्हारी बना गयी दूरी  !!

प्यार मेरा काफी न था
रोक सकी न मेरी अदा
खुद की भूल कहाँ देखी
हो गए फिर हम जुदा !!

पल पल तुमपर वार गई  पिया
दिल तुमपर मैं हार गई  पिया
फिर भी जाने क्या कमी रह गई
पास आकर भी दूर हो गई
तुम जीते मैं हार गई

तुम जीते मैं हार गई पिया 


तुम जीते मैं हार गई पिया 

..... वैशाली.... 
11/06/2015 
11.30.Am

6/08/2015

अलविदा

सुनो, 
रोऊंगी नहीं मैं तुम्हारे लिए 
भूल जाना चाहते हो, 
तो भूल जाना मुझे! 
मगर, 
मैं याद रखूंगी सदा 
एक खलिश, एक चुभन की तरह
जो याद दिलाए हमेशा मुझे 
फिर एतबार न करना
किसी से प्यार न करना 
न करना सब न्यौछावर किसी पे 
किसी का इंतजार न करना 

सुनो.. कसम है तुम्हे 
जो तुमने कभी याद किया 
जो अधूरी तस्वीर को पूरा किया 
जो लब से कभी नाम लिया 
जो मिलने पर पहचान लिया 

सुनो.. 
ये पढ़कर इसे भी मिटा देना 
न फिर इसे दोबारा पढ़ना 
बचपन की मोहब्बत को भुला देना 
पलटकर कभी न आवाज़ देना

जो कर सको ये सब 
तो कर दिखाना
हम इंतजार करेंगे 
तेरी रूसवाईयों का..... 

अलविदा 

.... वैशाली... 
8/06/2015 
3:20 noon

6/04/2015

दर्द

दर्द गम का पिए जा रहे हैं 
हम बस यूँ ही जिए जा रहे हैं 
कड़वी सी जिंदगी है कुछ इस तरह 
न उगल पा रहे हैं ना निगल पा रहे हैं 
सांझा करे किससे हम दर्द अपना
लोग हमें ही समझाए जा रहे हैं 
दर्द देने वाले को ही इल्म नही 
वो दोहरी जिंदगी जिए जा रहे हैं !!  


...... वैशाली...... 
4/06/15
12.00Noon